वायरल बुखार का कहर उत्तर प्रदेश,बिहार और दिल्ली के आसपास के इलाकों में बढ़ता ही जा रहा है। बच्चे इस रोग से सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद वायरल बुखार से सबसे अधिक शिकार है। यहां 12 हजार से अधिक लोग इस मारक वायरल के शिकार हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस जिले में इस बीमारी से अब तक 114 मौत हुई है,जिसमें 88 बच्चे शामिल हैं।
आ रही खबरों के अनुसार कई लोग बेड की कमी और इलाज के अभाव की भी शिकायत कर रहे हैं। फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) हंसराज सिंह ने दावा किया ऐसी कोई शिकायत नहीं की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) दिनेश कुमार प्रेमी ने कहा कि जिले में 64 सक्रिय शिविर हैं और बुखार वाले लोगों सहित 4,800 लोगों का वहां इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिरोजाबाद में अब तक डेंगू के 578 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक ए.के. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की 100 से ज्यादा टीमें मरीजों की पहचान करने और उन्हें दवाएं और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं।
बात सिर्फ एक जिले भर की नहीं है। कोविड के दूसरे लहर का खाैफ अभी कम भी नहीं हुआ था कि इस जानलेवा वायरल से लोग डरे हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम भी प्रभावित जिलों में भेजी जा रही है। एनसीआर में भी पिछले एक हफ्ते के अंदर कई ऐसे मामले आए हैं। वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर से भी इस बीमारी के कई मामले आए हैं। दिल्ली के अस्पतालों में भी इस बीमारी के मरीजों की भीड़ लग चुकी है। एक्सपर्ट नेे अभी तक कोई इस बीमारी के बारे में कोई ठोस बयान नहीं दिया है। वायरल के साथ डेंगु के भी बढ़ते मामले से चिंता और बढ़ने लगी है। बीमार लोगों में सबसे कॉमन लक्षण हाई फीवर, पेट में दर्द, डिहाइड्रेशन, डायसेंट्री, वोमेटिंग की दिक्कत है।
नीति आयोग के सदस्य और कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि- ‘कोरोना के अलावा हमें डेंगू और मलेरिया से लड़ने के लिए भी पर्याप्त तैयार रहना चाहिए. हमें हाथ ढककर रखने चाहिए और मॉस्क्यूटो रिपेलेंट और मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए.’