कोरोना वायरस (COVID-19) के भारत में बढ़ते प्रकोप के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र ने राष्ट्र को संबोधित किया। संबोधन के वक्त उन्होंने जनता-कर्फ्यू के बारे में बात की।
राष्ट्र के नाम उनके संबोधन की अहम बातें
-जनता कर्फ्यू 22 मार्च को सुबह 7 बजे से 9 बजे तक
– हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताएः
-मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां,जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं:
-संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत,उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें:
-कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19-Economic Response Task Force के गठन का फैसला लिया है
-संकट के इस समय में, आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर,हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है।
-इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।
-पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे, सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं।
मैं चाहता हूं कि
22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें।
हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर,बाल्कनी में,खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें:
-मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक,
जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। जितना संभव हो सके,आप अपना काम,चाहे बिजनेस से जुड़ा हो,ऑफिस से जुड़ा हो,अपने घर से ही करें: