कोरोना संकट की ग्लोबल विपदा के बीच अब नयी चेतावनी आयी है जो लोगों को और डरा सकती है। कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन में सिमटे लोग इसके प्रकोप के कम होने की उम्मीद ही कर रहे थे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कह कर डरा दिया कि शायद अब कोरोना कभी जाए ही नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रेस कांफ्रेस में इस सवाल पर कि इस बीमारी के प्रकोप के कब तक कमजोर पड़ने की उम्मीद दिख रही है, यह बात कही। वहीं इस रोग से बचने के लिए अब तक टीका बनाने के प्रयास भी साफ नहीं हुए हैं। हालांकि भारत सहित कई देश दावा कर रहे हैं कि कोरोना से बचाव के लिए टीका और दवा बनाने का काम अंतिम चरण में है।
डब्लूएचओ के एक्सपर्ट माइकल रॉयन ने कहा कि अब यह बात सबको मान लेनी चाहिए कि अब कोरोना जाने वाले है और विश्व को महामारी से जूझने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि यह कोई नहीं कह सकता है कि बीमारी का प्रकोप कब तक रहेगा और यह हम सब की उम्मीद से अधिक लंबे समय तक रह सकता है। डॉ. माइकल रयान ने कहा कि टीके के अभाव में लोगों के भीतर इस विषाणु के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने में वर्षों लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले आई अन्य बीमारियां जैसे कि एचआईवी कभी खत्म नहीं हुई बल्कि उनका इलाज खोजा गया ताकि लोग इस बीमारी के साथ जी सकें। रयान ने बताया कि ऐसी उम्मीद है कि इसका एक प्रभावी टीका आएगा लेकिन तब भी इसे बड़ी मात्रा में बनाने और दुनियाभर के लोगों तक मुहैया कराने के लिए बहुत काम करने की आवश्यकता होगी।
अब तक 100 टीका ट्रायल अंतिम चरण में
हालांकि निराशा भरी खबरों के बीच अब सारी उम्मीद बचाव के लिए टीका के बनने पर टिक गयी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि अब तक लगभग 100 टीके के ट्रायल अंतिम चरण में हैं और अगले कुछ महीने में इस मोर्चे पर सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। भारत में भी चार से अधिक टीका का ट्रायल अंतिम चरण में है। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इससाल अक्तूबर तक कोरोना से बचाव के लिए टीका सामने आ सकता है। अब तक इस बीमारी से पूरे विश्व में लगभग 43 लाख संक्रमित हो चुके हैं जबकि 3 लाख से अधिक मौत हो चुकी है। गुरुवार की सुबह तक भारत में 78 हजार से अधिक मामले आ चुके हैं जिनमें 2500 से अधिक मौत हो चुकी है।