पिछले सप्ताह फ्रांस में फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी। मगर वहां से जो खबर आ रही है वो वो चौंकाने वाली है। देश के शिक्षा मंत्री के अनुसार स्कूलों से कोरोना संक्रमण के 70 नए मामले सामने आए हैं।
फ्रांस ने कोविड 19 संक्रमण को रोकने के लिए देश 17 मार्च से अपने स्कूल और उच्च शिक्षा संस्थानों को बंद कर दिया था।
18 मई तक फ्रांस में 180,000 से अधिक कोरोनावायरस मामलों को दर्ज किया था. अब तक देश में कोरोना से 28,000 से अधिक मौते हो चुकी है।
फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, नॉर्वे, चेक गणराज्य और पोलैंड सहित कई यूरोपीय देशों ने लॉकडाउन को धीरे धीरे हटाना शुरू किया है, हालांकि इनमें से कुछ देशों ने चेतावनी भी दी है कि लॉक डाउन हटाने की प्रक्रिया धीमी रखी जाएगी और इस पर कड़ी नज़र भी रखी जाएगी।
फ्रांस 24 के अनुसार, प्री स्कूल छात्रों क्लास की अधिकतम सीमा 10 छात्रों की और अन्य आयु वर्गों के लिए 15 छात्रों की रखी गई है।
बच्चों को फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने का कहा गया है। शिक्षकों और छात्रों के लिए कक्षा में मास्क पहनना अनिवार्य है। बच्चों को कई बार हाथ धोने की सलाह दी गई है।
फ्रांस में अब धार्मिक स्थलों से भी प्रतिबंध हटाने की मांग की जा रही है। यहां मामलों में कमी को देखते हुए लॉकडाउन में कई प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। वहीं, सोमवार से गैरजरूरी वस्तुओं की दुकानें, कारखाने और अन्य व्यवसाय फिर से शुरू किए गए हैं।
पिछले महीने स्कूलों को फिर से खोलने वाला पहला यूरोपीय देश डेनमार्क था. हालाकिं सरकार के इस निर्णय से अभिभावक चिंतित भी हुए थे कि सरकार उनके बच्चों के साथ प्रयोग कर रही है।
यूरोपीय अधिकारियों ने बच्चों को स्कूल वापस भेजने के निर्णय को उचित ठहराते हुए कहा है कि स्चूलों को बंद रखने का निर्णय छात्रों के लिए ज्यादा नुकसानदायक होगा।
द गार्जियन से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा है कि “अगर बच्चों को कई महीनों तक स्कूल जाने से रोका जाता है तो उनकी एक पीढ़ी का नुकसान होगा।
संवादाताओं से बात करते हुए क्रोएशिया के शिक्षा मंत्री ब्लाज़ेन्का दिवाजक ने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने के बाद यूरोप में कोरोना संक्रमण के मामले में कोई बहुत बड़ी वृद्धि दर्ज नहीं दिखाई दी है।