कोरोना बीमारी महज एक आम बीमारी नहीं बल्कि पूरे विश्व स्तर पर लोगोें की सामाजिक जिंदगी के मायने को भी बदल दे रही है। जानकार मान रहे हैं कि बीमारी भले अगले कुछ महीनों में कमजोर होकर विलुप्त हो जाए लेकिन कोरोना भय के साये में आयी जिंदगी को इससे उबरने में काफी वक्त लगेगा।कोरोना के बीच कई देशों में मजबूरी वश नये कायदे-कानून भी लगाए जा रहे हैं जो लोगों को असहज कर रही हैं।। ऐसे ही कुछ कायदे कानून इस तरह हैं-
सिर्फ 4 लाेग आएंगे घर
बेल्जियम में कोरोना कहर के बाद भले लॉक डाउन में ढील दे दी गयी है लेकिन कई बंदिशे लगा दी गयी। ऐसी ही बंदिशों में है कि लोग अपने घर अधिकतमर चार दोस्त या रिश्तेदार बुला सकेंगे। अगर घर से बाहर निकलेंगे ते अकेले निकलेंगे। साथ बहार नहीं जाएंगे। 4 लोग कौन घर आ सकते हैं इसकी सूचना पहले देनी होगी। अब इसी मसले पर वहां काफी मशक्क्त करनी पड़ रही है। कई परिवार में तो अपने पांच बाल-बच्चों में एक को इस लिस्ट से हटाना पड़ रहा है।
पहली बार मां की कब्र पर फूल नहीं दे सके
रविवार को मदर्स डे के मौके पर पहली बार पूरे विश्व में लाखों लोग अपनी मां की कब्र पर फूल नहीं दे सके। अधिकतर देशों में लॉक डाउन के कारण बाहर निकलने पर बंदिश है। हर साल इस दिन मां की कब्र पर फूल देकर उन्हें याद करने का मौका होता है। चिली में इसके लिए सरकार ने अलग से इंतजाम किये और घरों से फूल कलेक्ट कराए गए और उसे बताए गए कब्र पर चढ़ाया गया।
लेकिन यहां सब कुछ नार्मल की ओर बढ़ता जा रहा