कोरोना के बाद खेल के पिच पर शुरू में संदेह, संकोच और डर का बाउंसर झेलना होगा-राहुल द्रविड़

क्या कोरेाना के बाद खेल का मैदाप पहले सा होगा? क्या क्रिकेट के मैदान पर हजारों लाखों की भीड़ के सामने खिलाड़ी प्री कोरोना युग की तरह ही सहज होंगे? पहला जवाब आया है नहीं का। क्रिकेट में दि वॉल के रूप में मशहूर राहुल द्रविड़ ने कहा है कि जब कोरोना के बाद खेल दोबारा शुरू होगा तो खिलाड़ियों के मन में संदेह, संकोच और भय की भावना अस्थायी तौर पर बनीं रहेगी।राहुल द्रविड़ ने कहा कि कुछ समय के लिए खिलाड़ियों के मन में संदेह या भय होगा और निश्चित तौर पर हिचकिचाहट होगी। हालांकि राहुल द्रविड ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि एक बार शीर्ष खिलाड़ी जब मैदान पर उस चीज के लिए उतरेंगे जिससे वह प्यार करते है तो उन्हें परेशानी होगी।

द्रविड ‘स्टेइंग अहेड ऑफ कर्व – द पावर ऑफ ट्रस्ट’ विषय पर फेसबुक डिबेट में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बहुत से खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती यह होगी कि जब वे दो या तीन महीनें तक नहीं खेलेंगे तो अपने शरीर और फिटनेस को किस तरह कायम रखेंगे। द्रविड ने कहा कि कोरोना के बाद खिलाड़ियों को फिटनेस हासिल करने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना फिटनेस खिलाड़ी सशंकित रहता है।

मालूम हो कि कोरोना संकट के दौरान हर खेल गतिविधि ठप है। टोक्यो आेलंपिक सहित आईपीएल और हर प्रतियोगिता रद्द हो गयी है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार खेल का मैदान ऐसा वीरान पड़ा है।

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