लॉक डाउन 3.0 के शुरू होने के पहले दिन पूरे देश मं लंबी-लंबी कतारें दिखीं। यह कतार शराब लेने वालों की थी। ऐसा इसलिए हुआ कि लॉक डाउन के तीसरे चरण में कई राज्य सरकारों ने शराब की दुकान खोलने का फैसला लिया। इसके पीछे सभी राज्य सरकारों को हो रहे नुकसान को लेकर थी। शराब किसी राज्य के लिए राजस्व का सबसे अहम जरिया होता है।
शराब से संक्रमण कम होने की बात इसलिए सामने आयी कि सैनिटाइर में अल्कोहल की मात्रा होती है और कोरोना वारयस के उपयोग में इसकी सबसे बड़ी भूमिका सामने आयी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ नामचीन अस्पतालों और डॉक्टरों के नाम पर यह झूठी खबर प्रसारित कर दी गयी कि शराब के सेवन से संक्रमण की आशंका आधी से भी कम हाे जाती है। यह भी कहा गया कि जिस तरह हाथ के संक्रमण को सैनिटाइरज हटा देता है उसी तरह शराब गला और शरीर के अंदर सैनिटाइजर का काम करता है। दिलचस्प बात है कि इसी फेक खबर के नाम पर राजस्थान में एक विधायक ने शराब की दुकान खुलवाने की भी मांग कर दी थी।