क्या शराब पीने से काेरोना से लड़ने की ताकत बढ़ जाएगी?

लॉक डाउन 3.0 के शुरू होने के पहले दिन पूरे देश मं लंबी-लंबी कतारें दिखीं। यह कतार शराब लेने वालों की थी। ऐसा इसलिए हुआ कि लॉक डाउन के तीसरे चरण में कई राज्य सरकारों ने शराब की दुकान खोलने का फैसला लिया। इसके पीछे सभी राज्य सरकारों को हो रहे नुकसान को लेकर थी। शराब किसी राज्य के लिए राजस्व का सबसे अहम जरिया होता है।

लेकिन इसके साथ ही एक बार फिर सवाल उठे कि क्या कोरोना संक्रमण से बचने में शराब सेवन  कवच बन सकता है? यह सवाल इसलिए उठे कि हाल के दिनों में इस मसले पर अलग-अलग तर्क सामने आते रहे हैं और सोशल मीडिया पर यह भ्रम फैलाया गया कि शराब सेवन से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस बारे में खासकर बयान जारी कर कहा गया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। संगठन ने कहा कि जो शराब का सेवन नहीं करता है उसे इसका सेवन सिर्फ इसलिए कतई नहीं करना चाहिए कि इससे वह कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहेगा। उलटे संगठन ने अपनी एडवाइजरी में चेताया कि इसके अधिक से इम्यूनिटी स्तर बहुत कम हो जाएगा जिससे संक्रमित होने पर जान बचने की संभावना कम रह जाएगी। यह भी कहा गया कि शराब पीने से मानसिक बीमारी भी अधिक हो रही है लॉक डाउन के दौरान।
इस फेक न्यूज के बाद सामने आए तर्क

शराब से संक्रमण कम होने की बात इसलिए सामने आयी कि सैनिटाइर में अल्कोहल की मात्रा होती है और कोरोना वारयस के उपयोग में इसकी सबसे बड़ी भूमिका सामने आयी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ नामचीन अस्पतालों और डॉक्टरों के नाम पर यह झूठी खबर प्रसारित कर दी गयी कि शराब के सेवन से संक्रमण की आशंका आधी से भी कम हाे जाती है। यह भी कहा गया कि जिस तरह हाथ के संक्रमण को सैनिटाइरज हटा देता है उसी तरह शराब गला और शरीर के अंदर सैनिटाइजर का काम करता है। दिलचस्प बात है कि इसी फेक खबर के नाम पर राजस्थान में एक विधायक ने शराब की दुकान खुलवाने की भी मांग कर दी थी।

Exit mobile version