इसे कहते हैं जीवटता। दिल्ली में 106 साल के एक बुजुर्ग ने कोविड को परास्त कर दिया। कोविड संक्रमित हुए लेकिन इससे ठीक होकर निकले। बीमारी से लड़ने वालों के लिए हौसला की मिसाल बनने वाले इस बुजुर्ग ने आज से 93 साल पहले आयी अब तक की सबसे खतरनाक महमारी को भी मात दी। 1918 में स्पेशिन फ्लू नामक महामारी आयी थी जिसकी चपेट में आकर लाखों लोगों की मौत हुई थी।
मीडिया में आयी रिपोर्ट के अनुसार कोविड से ठीक हुए इस बुजुर्ग का पूरा परिवार इस महामारी से संकमित हो गया था। अब वे सभी ठीक हैं। राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में इस पूरे परिवार का इलाज चल रहा था। इनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के अनुसार इनके बेटे की उम्र भी 70 साल थी।
मालूम हो कि कोविड के बारे में ऐसी धारणा बनायी गयी थी कि उम्रदराज लोगों को अधिक मारक तरीके से संक्रमित करता है। लेकिन इस बुजुर्ग ने ऐसे मिथ को गलत साबित कर दिया है। अब पूरा परिवार कोविड से ठीक होने के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहा है।
डॉक्टरों के अनुसार इस बुजुर्ग ले जीने का जो हौसला दिखाया है उससे न सिर्फ अस्पताल वाले बल्कि दूसरे मरीजों को भी इनसे प्रेरणा मिल रही है। कोविड की तरह स्पेनिश फ्लू ने भी पूरे विश्व को चपेट लिया था। दिल्ली में यह ठीक होने वाला शख्स इस बीमारी को मात देने वाले सबसे उम्रदराज मरीजों में है। इससे पहले इंगलैंड में एक 100 से अधिक की महिला ने इस बीमारी को मात दी थी और जब वह ठीक हुई थी तब बियर पीकर उसका जश्न मनाया था। तब उनकी तस्वीर पूरे सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी।
तब भी दिल्ली उस महामारी से बहुत प्रभावित हुआ था और इस बार भी कोविड ने राष्ट्रीय राजधानी को सबसे अधिक प्रभावित किया। अब तक के आंकड़ों के अनुसार पूरे दिल्ली में लगभग एक लाख कोविड मरीज सामन आ चुके हैं जिनमें 3 हजार से अधिक लोगाें की मौत भी हुई है और 68 हजार से अधिक मरीज ठीक भी हो चुके हैं।
दिल्ली सहित पूरे देश में भी पिछले कुछ दिनों से कोविड केस में भारी वृद्धि भी दर्ज की गयी है और आज भारत ने कुल केस की तादाद में रूस को पीछे कर पूरे विश्व में तीसरा सबसे संक्रमित देश हो गया। अब भारत से अधिक कोविड मामले सिर्फ अमेरिका और ब्राजील में है।