भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सर्वसम्मति से डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए हैं. कार्यकारी बोर्ड में 34 तकनीकी रूप से योग्य सदस्य शामिल हैं, इनका कार्यकाल तीन साल होगा.
चेयरमैन का पद एक-एक साल के लिए क्षेत्रवार रोटेशन के आधार पर चुना जाता है. डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड का मुख्य कार्य हेल्थ असेंबली की ओर से लिए गए निर्णय और नीतियों को लागू करना तथा इसके कार्य को सुविधाजनक बनाना है.
बोर्ड की 147वीं बैठक को संबोधित करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि उनकी मौजूदा कोविड 19 संकट में वैश्विक संसाधनों के बेहतर समन्वय से मरने वालों की संख्या घटाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन अधिक प्रभावी काम कर सके इसके लिए लिए वो सभी सदस्यों के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे.
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया में मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों की कमजोरियां उजागर कर दी हैं. साथ ही दिखा दिया है कि स्वास्थ्य तैयारियों की अनदेखी के परिणामों कितने गंभीर हो सकते हैं. लिहाजा वैश्विक संकट के ऐसे समय में, जोखिम प्रबंधन और शमन दोनों पर ध्यान देने की जरूरत है. वैश्विक स्तर पर लोक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और अधिक निवेश के लिए साझेदारी को अधिक मजबूत बनाना होगी.
वहीं बैठक में दिए अपने पहले अध्यक्षीय भाषण को खत्म करने से पहले डॉ हर्षवर्धन ने दुनियाभर में कोरोना से लड़ रहे सभी योद्धाओं और उनके परिवारजनों के लिए स्टैंडिंग ओवेशन दिया. इस दौरान डॉ हर्षवर्धन भी भाषण देते हुए खड़े हो गए.