गठिया के मरीज़ों की परेशानी सर्दियों में बढ़ जाती है- जाने क्यों?

डॉ यश गुलाटी, सीनियर कन्सलटेन्ट, जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट एण्ड स्पाइन, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स

-डॉ यश गुलाटी, सीनियर कन्सलटेन्ट, जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट एण्ड स्पाइन, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स

गठिया एक ऑटो-इम्यून रोग है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद ही जोड़ों पर हमला करने लगता है। जिसक कारण जोड़ों में दर्द और सूजन आ जाती है, जो मरीज़ को बहुत अधिक कष्ट देती है। समय के साथ अगर इलाज न किया जाए तो इसके कारण न केवल जोड़ों, बल्कि कार्टिलेज और आस-पास की हड्डियों को भी नुकसान पहुंचने लगता है।

ठंडे मौसम का गठिया पर क्या असर पड़ता है?

सर्दी शुरू होते ही गठिया से पीड़ित लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं, उन्हें रोज़ाना दर्द से जूझ ना पड़ता है। अध्ययनों से पता चला है कि सर्दी के दिनों में गठिया एवं इसी तरह की अन्य बीमारियों के मरीज़ों में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। क्योंकि दबाव बदलने के कारण वे जोड़ों में अकड़न महसूस करने लते हैं। दबाव कम होने के कारण शरीर के पेन सेंटर दर्द पर नियन्त्रण नहीं रख पाते। मर्करी का स्तर गिरने से शरीर में सूजन आती है, जिससे दर्द, अकड़न और असहजता बढ़ती चली जाती है।

एक और कारण यह है कि सर्दी के महीनों में शरीर अपने अंदर गर्मी का इकट्ठा करता है, ताकि रक्त का प्रवाह केन्द्रीय अंग जैसे दिल और फेफड़ों की तरफ ठीक से होता रहे। रक्त प्रवाह बढ़ने से बाजू, कंधों की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। जिससे इन हिस्सों में रक्त का प्रवाह कम होने लगता है और दर्द, अकड़न एवं असहजता बढ़ने लगती है।

सर्दियों में गठिया का दर्द बढ़ने से कैसे रोकें

मोटापे से पीड़ित लोगों को अपना वज़न कम करना चाहिए, इससे गठिया के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलेगी। वज़न के साथ-साथ आहार में भी बदलाव लाने की सलाह दी जाती है। इसक अलावा वज़न कम करने से शरीर की गतिशीलता बढ़ती है और जोड़ों पर दबाव कम होता है। इससे दर्द में आराम मिलता है और जोड़ों को और अधिक नुकसान पहुंचने से सुरक्षित रखा जा सकता है।

हालांकि लोग गर्मी में ज़्यादा पानी पीते हैं, लेकिन सर्दी में भी पानी पीना बहुत ज़रूरी है। सर्दियों में भी पानी की उचित मात्रा का सेवन करें, इससे जोड़ों की सतह के बीच घर्षण कम करने में मदद मिलेगी।

धूप का सेवन न करने से शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। गठिया से पीड़ित लोगों की हड्डियां कमज़ार हो जाती हैं, उनमें हड्डी टूटने की संभावना बढ़ जाती है। विटामिन डी कम होने से स्थिति और उग्र हो सकती है। इसलिए विटामिन डी से युक्त आहार का सेवन करें जैसे सालमन, आयस्टर, दूध, संतरे का रस, अंडे का योक आदि। सेहतमंद आहार से शरीर में सूजन कम करने में मदद मिलेगी। ओमेगा-3 फैटी एसिड से युक्त आहार लें, इससे जोड़ों का दर्द और अकड़न कम करने में मदद मिलेगी।

इससे जोड़ों की प्रत्यास्थता बनी रहती है। इसलिए गठिया क मरीज़ों का नियमित व्यायाम करना चाहिए, इससे हड्डियों की मजबूती बनी रहती है। इसके अलावा नियमित व्यायाम जैसे साइकल चलाना, सैर करना आदि से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, शरीर में एनर्जी बढ़ती है, जोड़ों की अकड़न कम होती है और मोटापे की संभावना भी कम हो जाती है।

सक्रिय रहने के साथ, गर्म कपड़े पहनें। तापमान कम होने के अनुसार अपने आप को कवर करके रखें। बाहर जाते समय जैकेट, स्कार्फ, दस्ताने आदि पहनें। इससे शरीर ठंड से बचा रहेगा और शरीर का तापमान सामान्य बना रहेगा।

Exit mobile version